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शारीरिक सुख लेने में पुरुषों से ज्यादा उतेजित होती है महिलाएं, नहीं रख पाती है काबू

नई दिल्ली :- प्राचीन काल की बात करें तो आचार्य ने नीति के बल पर चंद्रगुप्त मौर्य जैसे साधारण बालक को मगध का सम्राट बना दिया था। आचार्य चाणक्य ने कई किताबों की रचना की जिसमें से चाणक्य नीति के बहुत से तथ्यों का वर्णन किया गया है।

चाणक्य नीति में जीवन और व्यक्ति से जुड़े होने वाले रिश्तों जैसे- माता-पिता, मित्र, पत्नी और भाई आदि कैसे होने चाहिए ऐसे ही हर रिश्ते के बारे में व्याख्या की गई है। कहा जाता है कि दुनिया का कोई भी व्यक्ति इन टिप्स को फॉलो करता है तो वह अपने जीवन को सुधार सकता है। लेकिन आज के समय में बहुत ही कम लोग इन बातों को फॉलो कर पाते हैं। चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने ये भी बताया है कि ऐसी कौन सी इच्छाएं हैं जो स्त्रियों में पुरुषों की तुलना में ज्यादा पाई जाती है।

खुद पर भी नहीं कर पाती काबू

चाणक्य नीति के इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि स्त्रियों में भूख पुरुषों की तुलना में ज्यादा होती है आपने देखा होगा कि शादी विवाह में महिला बहुत ज्यादा खाना खाती है। इसके अलावा महिलाओं में लज्जा यानी शर्म पुरुषों के मुकाबले 4 गुना ज्यादा पाई जाती है।

इसके अलावा स्त्रियों में साहस पुरुषों की तुलना में 6 गुना होता है और काम की भावना पुरुषों के मुकाबले 8 गुना ज्यादा पाई जाती है। आचार्य चाणक्य ने बताया कि हालांकि स्त्रियों में सहनशक्ति और लज्जा की तुलना में महिला को ज्यादा मजबूत बताया गया है। वैसे भी महिलाएं पुरुषों के मामले में काम भी ज्यादा करती है। लेकिन महिला अपनी इच्छा के बारे में किसी को बता नहीं पाती है।

मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्री भरणेन च।

दुःखितैः सम्प्रयोगेण पण्डितोऽप्यंवसीदति।।

इस श्लोक में आचार्य चाणक्य ने बताया है कि अगर शिष्य मूर्ख है तो उसे उपदेश देना कोई काम की बता नहीं है। अगर महिला दुष्ट है तो उसका पालन-पोषण करना किसी काम में नहीं आने वाला है। इसलिए महिला को अपने हाल पर ही छोड़ देना चाहिए ताकि वह अपने पति या किसी भी पुरुष की अहमियत को समझ सके। अगर आपका धन नष्ट हो चुका है या फिर आप किसी दुखी इंसान के साथ तालमेल बना रहे हैं तो आप कितने भी बुद्धिमान हो लेकिन जितने कष्ट आपे बोये हैं उतने आपको झेलने ही पड़ेंगें।

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