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मीटिंग से पहले भारत ने अमेरिका से मांगे 31 किलर ड्रोन

नई दिल्ली :- दिल्ली में 9-10 सितंबर 2023 को होने वाले G-20 शिखर सम्मेलन के लिए तमाम देशों के राष्ट्राध्यक्षों और बड़े नेताओं का भारत आगमन शुरूहो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन आज शाम को दिल्ली पहुंचेंगे। वहीं,यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और जापान के पीएम फुमियो किशिदा भी शुक्रवार को दिल्ली पहुंचेंगे। प्रधानमंत्री मोदी शुक्रवार को अपने आधिकारिक आवास पर अमेरिकी राष्ट्रपति के साथ द्विपक्षीय बैठक करेंगे।

शुक्रवार को मोदी-बाइडेन की बैठक से पहले, भारत ने 31 हथियारयुक्त MQ-9B रीपर या प्रीडेटर-B ड्रोन खरीदने के लिए अमेरिकी सरकार को औपचारिक अनुरोध जारी किया है। रक्षा मंत्रालय ने 31 हंटर-किलर दूर से संचालित एयरक्राफ्ट के लिए अनुरोध पत्र भेजा है। इसके साथ ही उनके हथियार पैकेज, मोबाइल ग्राउंड कंट्रोल सिस्टम और अन्य उपकरणों के लिए भी कुछ दिन पहले LoR अमेरिका को भेजा था।

31 हंटर-किलर एयरक्राफ्ट खरीदने के लिए अमेरिका को भेजा अनुरोध पत्र

सूत्रों के मुताबिक, अब बाइडन प्रशासन इसका जवाब अपने विदेशी सैन्य बिक्री (FMS) कार्यक्रम के तहत अमेरिकी कांग्रेस को लागत के साथ लेटर ऑफ असेप्टेन्स (LoA) एक-महीने के भीतर देंगे। सशस्त्र बल अगले 6-7 सालों में सभी ड्रोनों को शामिल करने के लिए तैयार है। इसे जनरल एटॉमिक्स (GA) द्वारा भारत में असेंबल किया जाएगा।

31 ड्रोन – नौसेना के लिए 15 सी गार्डियन और सेना और भारतीय वायुसेना के लिए 16 स्काई गार्डियन – की अंतिम कीमत पर दोनों पक्षों द्वारा मुहर लगाई जाएगी। TOI की खबर के मुताबिक, 15 जून को रक्षा मंत्रालय की प्रारंभिक मंजूरी में सौदे के लिए लगभग 3.1 बिलियन डॉलर की अनुमानित लागत नोट की गई थी। सशस्त्र बल अगले छह से सात सालों में सभी ड्रोनों को शामिल करने का काम पूरा करने के इच्छुक हैं, जिन्हें निर्माता जनरल एटॉमिक्स (GA) द्वारा भारत में असेंबल’ किया जाएगा।

चीन के पास मौजूद सशस्त्र ड्रोनों की तुलना में ज्यादा सक्षम

यह ड्रोन चीन के पास मौजूद सशस्त्र ड्रोनों की तुलना में कहीं अधिक सक्षम हैं। MQ-9B हिंद महासागर क्षेत्र के साथ-साथ चीन और पाकिस्तान के साथ सीमाओं पर भारत की क्षमताओं को और बढ़ा देगा। यह चीन के सशस्त्र ड्रोन होंग-4 और विंग लूंग-I की तुलना में कहीं ज्यादा सक्षम है। चीन इसकी आपूर्ति पाकिस्तान को भी करता है।

MQ9B को रिमोट से कंट्रोल किया जा सकता है या ऑटोनॉमस उड़ान के लिए भेजा जा सकता है। इसे जनरल एटॉमिक्स सिस्टम्स द्व्रारा यूनाइटेड एयर फोर्स के लिए बनाया गया है। यह लंबे समय तक चलने वाले मिशनों के दौरान पहाड़ों और समुद्री क्षेत्र में रणनीतिक लक्ष्यों पर सटीक हमले भी कर सकता है। MQ-9B ड्रोन 40 हजार से अधिक फीट की ऊंचाई पर लगभग 40 घंटे तक उड़ान भर सकता है। यह 5,670 किलो का वजन आराम से उठा सकता है। वहीं इसके फ्यूल की क्षमता 2,721 किलो है।

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